आज मेरे समाज में फिल्मों का प्रभाव बड़ते पैमाने पर देखा जा रहा है ,जिसका प्रभाव मेरे ऊपर भी देखा जा सकता है |मुछे यह फिल्म खूब भाई थी ,आज के आधुनिक युग में नव युवक वर्ग की क्या
दशा दिशा है यह इस फिल्म में देखा जा सकता है |मीडिया का यह माध्यम पुरें समाज को किस तरह से परिवर्तित कर रहा है यह कोई मुंबई शहर में जाकर देखे |अगर हम कहे की शामाज का आइना फ़िल्में है तो गलत नहीं होगा |आज के लिए इतना ही ,कल फिर मिलेंगे |
bahut achha yar tum to mahan ho
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