शनिवार, 2 जुलाई 2011

यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आमंत्रितों के लिए है...


robb report by invitation only (Custom)
और, यदि आप इस पोस्ट को पढ़ पा रहे हैं तो इसका सीधा सा अर्थ है कि आप भी आमंत्रितों में से एक हैं.
यह क्या? यह तो नया ट्रैंड आ गया है. सिर्फ आमंत्रितों के लिए. कुछ दिन पहले नए बन रहे एक हाउसिंग कॉम्प्लैक्स का होर्डिंग देखा. शानदार कैंपस. शानदार आर्किटेक्चर और फ़ाइवस्टार सुविधाएँ. परंतु सिर्फ आमंत्रितों के लिए. अब ऐसी जगह में रहने के लिए खरीदना तो दूर की बात, खरीदने का सपना भी मैं नहीं देख सकता क्योंकि मेरे पास आमंत्रण नहीं है.
बहुत पहले एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था का सदस्य बना था. वह संस्था भी सिर्फ और सिर्फ आमंत्रितों को ही सदस्य बनाती है - हर किसी ऐरे गैरे को सदस्य नहीं बनाती. मैं भी सगर्व आमंत्रित सदस्य बना था. परंतु आमंत्रित सदस्यों वाली संस्था में चलने वाली घोर लेटलतीफी और दीगर बातों के चलते जल्द ही मैंने अपने आपको उनके बीच 'अनामंत्रित किस्म' का पाया, और बाहर हो लिया.
robb report by invitation only 2 (Custom)
अभी एक पत्रिका - रॉब रिपोर्ट का विज्ञापन पढ़ा. पत्रिका सिर्फ आमंत्रितों को उपलब्ध होती है. अब तक मुझे इसका आमंत्रण नहीं मिला है. तो इसका सीधा सा अर्थ है कि ये विरल और दुर्लभ पत्रिका मेरे लिए नहीं है. हो सकता है आप पाठकों में से किसी को आमंत्रण मिला हो या इस पत्रिका के आमंत्रित सदस्य हों. तो कृपया हमारे ज्ञान में वृद्धि करें कि आमंत्रण आपको कैसे किस तरह मिला और आमंत्रण हासिल करने के लिए आपने कैसे व किस तरह पापड़ बेले या कौन से हथकंडे अपनाए. वैसे बात दोनों एक ही है, बस पापड़ बेलने व हथकंडे अपनाने में नजरिए - नजरिये में बाल बराबर फर्क है.
इस पत्रिका को लेकर मुझे कुछ उल्टे सीधे विचार भी आ रहे हैं. अब जब ये पत्रिका सिर्फ आमंत्रितों के लिए है तो जब आप इस पत्रिका को किसी आम-व-खास के हाथ या घर में कॉफ़ी टेबल पर देखेंगे तो आपके मन में फ्रस्टेशन उत्पन्न होगा कि देखो अगला तो आमंत्रित है और इधर देखो हमारी कोई पूछ परख ही नहीं. फिर, जो प्रकाशन कंपनी इस पत्रिका को सिर्फ और सिर्फ आमंत्रितों को बांट रही है तो क्या आमंत्रित इसे अपने बीवी-बच्चों या मित्र मंडली से भी दूर रखेगा कि आम जनता से भी दूर रखेगा? क्योंकि यदि वो इन सबको पढ़ने - देखने के लिए देने लगेगा तो फिर सिर्फ आमंत्रितों के लिए वाली बात कहाँ रह जाएगी.
और, जब एक बार पढ़ - देख लेने के बाद जब पत्रिका रद्दी हो जाएगी तो क्या रद्दी वाले को इसे नहीं बेचना है? सिर्फ आमंत्रितों के लिेए उपलब्ध पत्रिका को रद्दी में बेचकर क्या उसका लेवल डाउन करना है? प्रकाशन कंपनी ने अपने विज्ञापन में तो ये बात नहीं बताई है, मगर इस पहलू पर जरूर उसने ध्यान दिया होगा और आमंत्रितों से यह बाण्ड जरूर भरवाया होगा कि वो इस पत्रिका को रद्दी में कभी नहीं बेचेगा, अपने बीवी-बच्चों, मित्रों को नहीं देगा (क्योंकि वे आमंत्रित नहीं हैं,) और आम पब्लिक को तो दूर से भी देखने नहीं देगा.
बहुत पहले, जीमेल खाता खोलने के लिए आमंत्रण की दरकार होती थी. अभी भी यदा कदा किसी किसी नई नवेली इंटरनेट सेवा के लिए इस तरह के टोटके अपनाए जाते हैं. तो, जब जीमेल के लिए आमंत्रण जरूरी होता था, तब जिनके ईमेल पते जीमेल-धारी होते थे वे बड़े विशिष्ट ईमेल पते होते थे. परंतु शुक्र है, यह विशिष्टता जल्द ही खत्म हो गई, और जीमेल सभी के लिए उपलब्ध हो गया.
पर, ये रॉब रिपोर्ट?
क्या आप आमंत्रितों में से हैं? मैं तो नहीं हूं, और न ही आमंत्रण चाहता हूँ.. (अंगूर खट्टे हैं?!)

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