शुक्रवार, २४ जून २०११
ब्लॉगमंच को हार्दिक शुभकामनाएँ. हम जानना चाहेंगे कि उनका यह प्रयोग कितना सफल रहा है. यह भी जानना चाहेंगे कि उन्होंने विज्ञापन में कितने खर्च किए, कितने वसूल हुए और प्रतिफल में पाठक-प्रयोक्ता संख्या में क्या और कितनी वृद्धि हुई.
और, इधर कुछ दिन से यत्र तत्र हिंदी में गूगल एडसेंस विज्ञापन फिर से दिखाई देने लगे हैं-
है
क्या गूगल एडसेंस हिंदी जल्द ही वापस आ रहा है ?
लगता तो है.
मगर दारोमदार ब्लॉगमंच जैसे प्रयोग के सफल होने पर है. नहीं तो कोई विज्ञापनदाता यहाँ माल गंवाने क्यों आएगा भला?
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स्क्रीन शॉट में चीजों की वर्तनी गलत दिख रही है वो नए लिनक्स तंत्र में फ़ॉन्ट रेंडरिंग की समस्या के कारण है.
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